कम्प्यूटर की समस्त क्रियाओं को हम इनपुट, प्रोसेस, आउटपुट तथा स्टोरेज आदि चार श्रेणियों में बांटते हैं। इन चार प्रमुख क्रियाओं की दृष्टि से में काफी समानता है, क्योंकि जिस प्रकार मनुष्य आंखों से देखकर तथा कानों से सुनकर अपने वाह्य वातावरण से अनेक बातें ग्रहण करता है उसी प्रकार कम्प्यूटर भी की-बोर्ड से अक्षरों के रूप में, कैमरे से खींची गयी फोटो या फिल्म तथा रिकॉर्ड की गई आवाज के रूप में अनेक प्रकार के इनपुट ग्रहण करता है। हम जिस प्रकार अपने मस्तिष्क के द्वारा विचार करते हैं,गणनाएं करते हैं तथा उसे याद रखते हैं ठीक उसी प्रकार कम्प्यूटर भी सी०पी०यू० के द्वारा प्रोसेसिंग करता है और मेमोरी यूनिट में जानकारियों को स्टोर करता है।
आउटपुट की दृष्टि से देखें तो मनुष्य बोलकर तथा लिखकर अपनी बात अभिव्यक्त करता है वैसे ही कम्प्यूटर मॉनिटर तथा प्रिन्टर के द्वारा आउटपुट देता है। उपर्युक्त दृष्टि से दोनों समान हैं किन्तु कुछ बातों में कम्प्यूटर मनुष्य से आगे है जबकि कुछ बातों में मनुष्य कम्प्यूटर से आगे है; जैसे कार्य करने की क्षमता एवं गति में कम्प्यूटर हम से आगे है, कम्प्यूटर पर जो कार्य कुछ ही सेकेण्ड में हो जाता है वही कार्य करने में हमें कई घंटे लगते हैं। कम्प्यूटर एक मशीन है जो लगातार कई घंटे कार्य करने पर भी थकती नहीं है, जबकि लगातार काम करने पर मनुष्य की कार्यक्षमता कम हो जाती है, वहीं दूसरी ओर बुद्धि तर्कक्षमता, कल्पनाशीलता तथा अनुभवों से सीखने की क्षमता आदि अनेक ऐसे गुण हैं जिनमें मनुष्य बहुत आगे है जबकि कम्प्यूटर शून्य है क्योंकि कम्प्यूटर एक मशीन है जो केवल दिये गये निर्देशों के अनुसार एवं निश्चित कार्य कर सकता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि मशीनी क्षमताओं की दृष्टि से कम्प्यूटर आज मनुष्य से आगे है जबकि बौद्धिक क्षमताओं की दृष्टि से उसकी मनुष्य से तुलना नहीं की जा सकती।
गणना (Calculation)
कम्प्यूटर की कैलक्यूलेटर से तुलना (Comparison of Computer with Calculator)
अगर हम कम्प्यूटर की तुलना कैल्क्यूलेटर से करें तो हम पाते हैं कि कम्प्यूटर कैल्क्यूलेटर से बहुत आगे है, कैल्क्यूलेटर केवल अंकगणितीय गणनाएं; जैसे-जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि ही कर सकता है जबकि ये गणनाएं कम्प्यूटर के समस्त कार्यों का केवल एक अंश मात्र है अर्थात् कम्प्यूटर गणनाएं तो करता ही है लेकिन इसके अतिरिक्त वह इन आंकड़ों को मेमोरी में स्टोर भी कर सकता है, इन आंकड़ों का विश्लेषण तथा तुलना कर सकता है तथा हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों को प्रोग्राम के रूप में मेमोरी में रखकर उन निर्देशों के अनुसार एक ही कार्य कितनी ही बार दोहरा सकता है, जबकि कैलक्यूलेटर केवल दिये गये अंकों पर गणनाएं करता है, वह आंकड़ों का संग्रहण, विश्लेषण एवं तुलना नहीं कर सकता और ना ही हमारे द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्य कर सकता है। संक्षेप में हम समझ सकते हैं कि कैलक्यूलेटर कम्प्यूटर का केवल एक भाग है जबकि कम्प्यूटर का कार्यक्षेत्र और क्षमताएं बहुत व्यापक हैं।
निर्णय लेने की क्षमता। (Decision making ability)
प्रैक्टिकल में (In practical)
संग्रह क्षमता (storege)
(Comparison of Computer with Typewriter)
टाइपिंग की सुविधा टाइपराइटर की तुलना में कम्प्यूटर में अधिक अच्छी है, टाइपराइटर के द्वारा हम एक बार में केवल एक पेज ही टाइप कर सकते हैं या अधिक से अधिक उसकी 3-4 कार्बन कॉपी तैयार कर सकते हैं, लेकिन कम्प्यूटर में हम एक बार टाइप किये गए मैटर को मैमोरी में स्टोर करके रख सकते हैं और जब भी आवश्यकता हो उसकी अनेक प्रतियां प्रिन्ट कर सकते हैं। टाइपराइटर में अगर टाइप करते समय कोई गलती हो जाए तो पूरा पेज ही दोबारा टाइप करना पड़ता है उसे किसी भी तरह सुधारा नहीं जा सकता, जबकि कम्प्यूटर में टाइप किया हुआ मैटर हमें मॉनिटर स्क्रीन पर दिखाई देता है जिसे हम प्रिन्ट करने के पहले सुधार सकते हैं। कम्प्यूटर के द्वारा हम एक ही पत्र में ऊपर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम लिखकर उसे अलग-अलग व्यक्तियों को भेज सकते हैं जबकि यह टाइपराइटर में सम्भव नहीं है।
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